भइया, मैं सुषमा पहिचानौ!जाकूँ बेटी कहत हते ।
याद आयौ!जाके भाषण पै गर्वित होत हते ।।
बूही-बूही, जाकूँ संसद में मंत्री कौ सम्मान दियौ ।
राजनीति के गुरुवर बनकैं देशधर्म कौ ज्ञान दियौ ।।
हाँ-हाँ भईया बूही जो हर दिना मिथक तोड़ती हती ।
जो स्वयं के नाम के पीछैं स्वराज जोडती हती ।।
अच्छा बेटी याद आ गयी तू संसद की सुषमा हती ।
मैं अक्सर सोचौ करतौ कै बेटी हती या मां हती ।।
ऐसौ कहकें अटलबिहारी मुस्काये फिर घबराये ।
इतेक जल्दी भारत छोडॉ, ऐसौ कहकैं झल्लाये ।।
सुषमा बोल उठीं भईया!जो खबर आज सीने में हती ।
बाके बाद नाँय अब कोई रुचि मेरे जीने में हती ।।
बा खबर के इंतजार में आप तड़पते रहे सदा ।
कब ऐसौ दिना आबैगौ बस जेही सोचते रहे सदा ।।
मोय लगौ मैं सबते पहलें खबर आपकूँ दउ आयकैं ।
अटल बिहारी दादा कूँ खुशखबरी दउ जायकैं ।।
सुनौ आज कश्मीर देश कौ पक्कौ अंग बन गयौ है ।
जाके लैं आप जूझे हते, बू सत्संग बन गयौ है ।।
जाके लैं मुखर्जी जी हँसकैं बलिदान है गये हते ।
धरती के बा स्वर्ग की खातिर जो कुर्बान है गये हते ।।
आज आप के दो बेटान नैं बू कर्तव्य निभायौ है ।
स्वप्न आपकौ हतो जाकूँ अमलीजामौ पहनायौ है ।।
इतेक हतो उत्साह हृदय में जाकौ झुकनौ मुश्किल हतो ।
बिना आपकूँ बात बताये मेरौ रूकनौ मुश्किल हतो ।।
ओमन सौभरि भुर्रक