Tuesday, 10 September 2019

ब्रजभाषा में भक्त और भगवान की वार्ता

👉- भक्त भगवान ते रोज शिकायत करतौ हतो, हे भगवान ठंड बहौत लग रही है ।गर्मी कितेक है । बरसा चौं नाँय है रही है । उमस बहौत है । ग्राहकी नाँय चल रही, बहौत मंदी है । भगवान :- भइया तोकूँ नीचे नाँय कछु अच्छौ लग रह्यौ तौ ऊपर कूँ आजा । भक्त:- नाँय नाँय प्रभु सब ठीक है मैं तौ मज़ाक कर रह्यौ हतो ।