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ब्रजमण्डल में मेट्रोन के आवे-जाबे की घोषणा ब्रजभाषा में कैसैं होयगी

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Monday, 28 June 2021

ब्रजवुड

भारतीय फिल्म सेंसर बोर्ड के रिकार्ड के अनुसार आजतक ब्रजभाषा में मात्र 03  फीचर फिल्में ही बनी हैं। 


   ब्रजक्षेत्र की भाषा,लोक-संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए प्रतिवर्ष ब्रज-महोत्सव का आयोजन ब्रजभाषी क्षेत्रों मे किया जाता है लेकिन वहां भी ब्रजभाषा के सिनेमा का नाम तक नहीं लिया जाता है। 

1- ब्रजभूमि(1982)


ब्रजभाषा बोली में बनी इस प्रथम फीचर फिल्म का निर्माण गांव-देदामई,जिला-अलीगढ़ (अब जिला-हाथरस) निवासी फिल्म अभिनेता, निर्माता व निर्देशक आदरणीय शिवकुमार जी ने ओशियन मूवीज़ के बैनर तले किया था। जिसमें मुख्य भूमिका में वे स्वयं थे | इस फिल्म में शिवकुमार जी के अलावा भारती अचरेकर, राजा बुन्देला, अलका नूपुर, संदीपन नागर, कृष्णा शर्मा, टॉम अल्टर आदि कलाकार थे। प्रख्यात फिल्म संगीतकार स्व0 रविन्द्र जैन के संगीत से सजी इस फिल्म को अनुराधा पौडवाल,हेमलता,सुशील कुमार एवं चंद्राणी मुखजी ने अपने मधुर स्वरों से सजाया था। शिवकुमार जी चाहते थे कि उत्तर प्रदेश में सरकार एक फिल्म एंड एक्टिंग इंस्टीट्यूट की स्थापना करे। इसके लिए वह जल्द ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात के लिए जाने वाले थे। अफसोस, ऐसा नहीं हो पाया। झूला तो पड़ गए, अमुवा की डाल पै जी' सावन आते ही खुद जुबां पर आ जाता है।

लल्लूराम(1986)


माटी बलिदान की (1987)


जमुना किनारे (1983)


सुप्रसिद्व हास्य कवि स्व0 काका हाथरसी द्वारा निर्मित व उनके पुत्र डाॅ0 लक्ष्मी नारायण गर्ग द्वारा निर्देशित व डॉ0 मुकेश गर्ग के संगीत निर्देशन से सजी यह ब्रजभाषा की दूसरी फीचर फिल्म थी। इस फीचर फिल्म के कथानक व गीतों को (काका हाथरसी की भतीजी बागेश्री के पति) एवं सुप्रसिद्व हास्य कवि अशोक चक्रधर ने सजाया था। इस फिल्म में मुख्य भूमिका में स्व0 प्रदीप सक्सैना थे|   इस सबके बाबजूद यह फिल्म असफल रही। इस फिल्म का निर्माण काका हाथरसी जी ने ब्रज-क्षेत्र की भाषा एवं लोक-संस्कृति को जनमानस तक पहुंचाने के उद्देश्य से किया था ।

ब्रज कौ बिरजू:-


वर्ष 2000 में बनी इस ब्रजभाषा की अब तक की अंतिम फीचर फिल्म का निर्माण व निर्देशन सिद्वार्थ नागर (सुप्रसिद्व हिन्दी साहित्यकार स्व0 अमृतलाल नागर के दौहित्र एवं सुप्रसिद्व फिल्म लेखिका अचला नागर के छोटे पुत्र) द्वारा किया गया |

इस ब्रजभाषा फीचर फिल्म में मुख्य भूमिका में आयुष कुमार, श्वेता रस्तोगी, सिद्धार्थ नागर, राकेश पाण्डेय, राजू श्रेष्ठ, ब्रजेन्द्र काला और संदीपन नागर (सुप्रसिद्व हिन्दी साहित्यकार स्व0 अमृतलाल नागर के दौहित्र एवं सुप्रसिद्व लेखिका अचला नागर के पुत्र व सिद्धार्थ नागर के बड़े भाई ) थे। गीत राकेश शर्मा व सिद्वार्थ नागर ने लिखे एवं संगीत मोमीन खान ने दिया|


कृष्णा तेरे देश में(2003)






ब्रजप्रदेश का नक्शा Brajpradesh map:- 





Tuesday, 21 January 2020

ब्रजमण्डल में मेट्रोन के आवे-जाबे की घोषणा ब्रजभाषा में कैसैं होयगी

                              Metro Map 


Mathura District Metro (BrajMandal)-


भविष्य में मथुरा में मेट्रो आबैगी तौ salutation और information की लिया-देइ या तरीका ते करी जाय करैगी ।
कोक़िलावन (कोसीकलां) ते बनकें चलबे वारी मेट्रो गोवर्धन/वृंदावन हैकैं मथुरा में घुसैगी और सूधी गोकुल हैमत भये दाऊजी कूँ निकर जाएगी । इन शहरन कूँ जाबे बारे यात्री आइकैं बैठ जाऔ । कोकिलावन के बाद पहलौ मैट्रो स्टेशन *नंदगाँव* पड़ैगौ , बरसाने बारे आदमी अगले स्टेशन की प्रतीक्षा करें । यात्रीगणन कृपया करकें आयगे की तरफ मौहड़ौ करकें खड़े है जाँय । अगलौ स्टेशन बरसाने कौ आ चुकौ है बसस्टैंड की ओर उत्तर जाएं । आयगे कौ डिब्बा नारीन के लैं आरक्षित है, लपका और लऊआन कूँ सख्त चेतावनी है कै वे वा डिब्बा में नाँय चढ़ै अन्यथा हाथ-पाँव तोड दिये जांगे । अगलौ स्टेशन *ग्राम पलसों धाम* है, दरवज्जे सती हरदेवी मंदिर की ओर खुलंगे, कृपया आराम ते उतरें । अगलौ स्टेशन गोवर्धन आबे वारौ है । मेट्रो में कोई धूम्रपान नाँय करें तौ अच्छौ रहबैगौ । लेऔ जी गोवर्धन रेलवे स्टेशन आ चुकौ है नीमगांव और गांव भरनाकलां/ सहार के आदमी यहाँ उतर सकतैं । अगलौ स्टेशन दानघाटी गोवर्धन है परिक्रमा बारे यही पै उतर जायँ तौ फायदा में रहंगे ।

 जे गाड़ी यहाँ ते सीधे वृन्दावन जाएगी । अगलौ स्टेशन चन्द्रोदय मन्दिर है, छटीकरा और चौमुहाँ के लैं फीडर बस कौ प्रयोग करें । अगलौ स्टेशन प्रेममन्दिर है, दर्शनार्थी दर्शन करबे कूँ यहाँ उतरें । अगलौ स्टेशन बिहारी जी मंदिर, यात्रिगण उतरबे में हड़बड़ी ना करें आराम ते उतरें और निश्चिंत रहें चौं कै आप ब्रजधाम में हौ । अगलौ गायत्री तपोभूमि मथुरा स्टेशन है, आकाशवाणी बारे यहीं उतर सकतैं । गाड़ी की दिशा में जाबे बारौ डिब्बा, लुगाइन के लैं घिरौ भयौ है , या डिब्बा में चढ़बे की कोशिश करबे बारौ, 'दंड कौ भागी' होयगौ । जे भूतेश्वर जंक्शन है जे गाड़ी नए बसड्डे ते हैं कैं जंक्शन की ओर जाएगी, 'कंकाली बारे' और गोवर्धन चैराहे बारे यहीं पै उतर जइयों । चौं कै यहाँ ते बैंगनी रंग की मेट्रो गोवर्धन कूँ कृष्णा नगर हैकैं जायगी ।
अगलौ स्टेशन कृष्णा नगर चौरायौ आबैगौ, वहाँ ते रामलीला मैदान बारे कृष्णा नगर बजार मांऊँ और राधानगर बारे, मोहन मिष्ठान मांऊँ जा सकें ।
 सावधान है जाओ दरवज्जे बन्द हैवे वारे हैं अगलौ स्टेशन मथुरा रेलवेजंक्शन है दिल्ली-आगरा जानौ होय तौ यहाँ ते ट्रैन लै कैं निकर लेओ ।  यहाँ ते टाउनशिप' जाबे बारेन कौ "यात्री किरायौ" आधौ कर दियौ है, म्हां जाबे बारे खूब लाभ उठाऔ ।
अगलौ स्टेशन *मथुरा कचहरी* जा काऊ कूँ केस-वेस सुल्टानौ होय तौ उतर लेओ । अगलौ स्टेशन टाऊनशिप, रिफायनरी वारे यहाँ पै उतरैं, जे गाड़ी गोकुल बैराज ते गोकुल कूँ जायगी चुप्प-सीना हाथ जोड़ कैं जमुना जी की ओर बैठ जाऔ और पइसा तौ अब तुम फेंक ही नाँय सकें चौं कै भिच्ची में आयगे हो चौं कै दरवज्जेन पै शीशा जड़े भये हैं, जे नाँय होंते तौ तुम धकाधक फेंके बिना मानते थोड़े ही। आबे वारौ गोकुल स्टेशन है दरवाजे सूधे हाथ माहुँ खुलंगे । अगलौ स्टेशन महावन है खीरमोहन मिठाई खाबे वारे यहाँ उतरें । अगलौ स्टेशन रमणरेती है ब्रज की रज में लोर मारबे कूँ व हाथीन द्वारा आरती देखबे कूँ यहाँ उतरें । अगलौ स्टेशन दाऊजीनगर है, जे पंडान की नगरी है, मिश्री कौ स्वाद यहाँ चखौ जा सकै है , ब्रजराज दाऊजी के दर्शन कूँ यहाँ उतरें । जे गाड़ी यहीं तक है फिर यहीं ते वापस कोकिलावन कूँ बनकें जायगी ।