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ब्रजमण्डल में मेट्रोन के आवे-जाबे की घोषणा ब्रजभाषा में कैसैं होयगी

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Sunday, 4 July 2021

रंगों के नाम ब्रजभाषा में

 


Rango ke Naam in brajbhasha

हिंदी (Phonetic)English
कारौ (Karau)Black
धौरौ(dhaurau)White
नीलौ (Neela)Blue
पीलौ (Peelau)Yellow
हरौ (Harau)Green
गुलाबी (Gulabi)Pink
बादामी, भूरौ(Badami /Bhurau)Brown
नारंगी (Narangi)Orange
आसमानी (Asamani)Sky Blue
स्लेटी (Sleti)Gray
लाल (Lal)Red
बैगनी (Baigni)Purple, Violet
गहरौ नीलौ (Gahara Neelau)Navy Blue
सुनहरौ (Sunhara)Golden
चांदी (Chandi)Silver
चमकीलौ(Chamkeelau)Bright
मरुन (Maroon)Brownish Crimson
खाकी (Khaki)Khaki

Monday, 28 June 2021

ब्रजवुड

भारतीय फिल्म सेंसर बोर्ड के रिकार्ड के अनुसार आजतक ब्रजभाषा में मात्र 03  फीचर फिल्में ही बनी हैं। 


   ब्रजक्षेत्र की भाषा,लोक-संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए प्रतिवर्ष ब्रज-महोत्सव का आयोजन ब्रजभाषी क्षेत्रों मे किया जाता है लेकिन वहां भी ब्रजभाषा के सिनेमा का नाम तक नहीं लिया जाता है। 

1- ब्रजभूमि(1982)


ब्रजभाषा बोली में बनी इस प्रथम फीचर फिल्म का निर्माण गांव-देदामई,जिला-अलीगढ़ (अब जिला-हाथरस) निवासी फिल्म अभिनेता, निर्माता व निर्देशक आदरणीय शिवकुमार जी ने ओशियन मूवीज़ के बैनर तले किया था। जिसमें मुख्य भूमिका में वे स्वयं थे | इस फिल्म में शिवकुमार जी के अलावा भारती अचरेकर, राजा बुन्देला, अलका नूपुर, संदीपन नागर, कृष्णा शर्मा, टॉम अल्टर आदि कलाकार थे। प्रख्यात फिल्म संगीतकार स्व0 रविन्द्र जैन के संगीत से सजी इस फिल्म को अनुराधा पौडवाल,हेमलता,सुशील कुमार एवं चंद्राणी मुखजी ने अपने मधुर स्वरों से सजाया था। शिवकुमार जी चाहते थे कि उत्तर प्रदेश में सरकार एक फिल्म एंड एक्टिंग इंस्टीट्यूट की स्थापना करे। इसके लिए वह जल्द ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात के लिए जाने वाले थे। अफसोस, ऐसा नहीं हो पाया। झूला तो पड़ गए, अमुवा की डाल पै जी' सावन आते ही खुद जुबां पर आ जाता है।

लल्लूराम(1986)


माटी बलिदान की (1987)


जमुना किनारे (1983)


सुप्रसिद्व हास्य कवि स्व0 काका हाथरसी द्वारा निर्मित व उनके पुत्र डाॅ0 लक्ष्मी नारायण गर्ग द्वारा निर्देशित व डॉ0 मुकेश गर्ग के संगीत निर्देशन से सजी यह ब्रजभाषा की दूसरी फीचर फिल्म थी। इस फीचर फिल्म के कथानक व गीतों को (काका हाथरसी की भतीजी बागेश्री के पति) एवं सुप्रसिद्व हास्य कवि अशोक चक्रधर ने सजाया था। इस फिल्म में मुख्य भूमिका में स्व0 प्रदीप सक्सैना थे|   इस सबके बाबजूद यह फिल्म असफल रही। इस फिल्म का निर्माण काका हाथरसी जी ने ब्रज-क्षेत्र की भाषा एवं लोक-संस्कृति को जनमानस तक पहुंचाने के उद्देश्य से किया था ।

ब्रज कौ बिरजू:-


वर्ष 2000 में बनी इस ब्रजभाषा की अब तक की अंतिम फीचर फिल्म का निर्माण व निर्देशन सिद्वार्थ नागर (सुप्रसिद्व हिन्दी साहित्यकार स्व0 अमृतलाल नागर के दौहित्र एवं सुप्रसिद्व फिल्म लेखिका अचला नागर के छोटे पुत्र) द्वारा किया गया |

इस ब्रजभाषा फीचर फिल्म में मुख्य भूमिका में आयुष कुमार, श्वेता रस्तोगी, सिद्धार्थ नागर, राकेश पाण्डेय, राजू श्रेष्ठ, ब्रजेन्द्र काला और संदीपन नागर (सुप्रसिद्व हिन्दी साहित्यकार स्व0 अमृतलाल नागर के दौहित्र एवं सुप्रसिद्व लेखिका अचला नागर के पुत्र व सिद्धार्थ नागर के बड़े भाई ) थे। गीत राकेश शर्मा व सिद्वार्थ नागर ने लिखे एवं संगीत मोमीन खान ने दिया|


कृष्णा तेरे देश में(2003)






ब्रजप्रदेश का नक्शा Brajpradesh map:-