Monday, 29 July 2019

कला को कोई चुरा नहीं सकता

#BrajbhashaPradesh
#ब्रजभाषा

*ब्रजभाषा में एक वाक्या-*   

     एक चिरैया नै 'मुहार की मांखी' ते पूछी कै तुम इतेक परिश्रम ते शहद बनामतौ और आदमी बाय आयकैं शहद के छत्ता कूँ तोड़कैं लै जाँतौ है, तुम्हें बुरौ नाँय लगै काह? 'मुहार की माँखी' ने बहौतई बढिया उत्तर दियौ-आदमी मेरौ बनायौ भयौ शहदई चुरा सकै, मेरी शहद बनाबे की कला कूँ नाँय चुरा सकै ।                   
   🌹संदेश- कोई आपका creation चुरा सकता है परंतु आपका हुनर नहीं चुरा सकता है ।🌹   
      *ओमन सौभरी भुर्रक*