नववर्ष तुम्हारौ स्वागत है, खुशियन की बस चाहत है ।
हे नववर्ष ! के प्रथम प्रभात, दै सबकूँ अच्छी सौगात ।
नैतिकता के मूल्य सिखइयो, अच्छी-अच्छी बात पढ़इयो ।
खुश है जाय फिर जग सारौ, बस दीखै चहुँ ओर यही नजारौ ।
सहज सरल मन ते सबकूँ गले लगामें, ऊँच-नीच, भेदभाव कौ अंतर मिटामें ।
पर्यावरण की चिंता करकैं पेड़ लगामें,
स्वच्छता अभियान कूँ घर-घर तक पहुँचामें ।
योग, प्राणायाम कर देशप्रेम के गीत गामें,
औरन कूँहु या चीज के लिए उकसामें ।
नयी उमंग, नयी तरंग और जीवन कौ लै कैं नयौ प्रसंग नयी चाह, नयी राह, नित नयौ लै कैं नयौ प्रवाह ।
करनौ है स्वयं ते वादौ और प्रगति करनी है या जीवन में । बीते पलन में जो मिली निराशा वाय भुलानौ है जीवन में ।
जे साल कैसें कट गयौ पतौ ही नाँय चलौ । या ही तरह नए सालहु में हैमतौ रहै सबकौ भलौ ।
बड़े-बूढ़ेन कौ लेऔ आशीष, मंगलमय हो 2020 ।
हौलैं- हौलैं करकैं आज कौ दिन निकर जाबैगौ, 1 ही दिना बाद नयौ साल शुरू है जाबैगौ ।
आवे बारौ साल ट्वन्टी-ट्वन्टी कहलाबैगौ । आज ही शुभकामना दै रह्यौ हूँ नाँय तौ पहलौ नंबर और कोई लै जाबैगौ ।
ब्राह्मण ओमन सौभरि भुर्रक /ओमप्रकाश शर्मा :गांव भरनाकलां (ब्रजमंडल)