Featured post

ब्रजमण्डल में मेट्रोन के आवे-जाबे की घोषणा ब्रजभाषा में कैसैं होयगी

                              Metro Map  Mathura District Metro (BrajMandal)- भविष्य में मथुरा में मेट्रो आबैगी तौ salutation और in...

Monday, 29 July 2019

फिर घमंड कैसौ (ब्रजभाषा में)

🌹 *फिर घमंड कैसौ*
 एक माचिस की तिल्ली, एक घी कौ लोटा, लकडियन के ढेर पै, कछु घंटान में राख, बस्स इतेक सी है, आदमी की औकात । एक घर कौ मुखिया कल शाम कूँ मर गयौ, अपनी सबरी जिंदगी, परिवार के नाम कर गयौ, कहूँ रोबे की सुगबुगाहट, तौ कहूँ बातन की फुसफुसाहट, अरै! जल्दी लै जाऔ, इन्नै को रखेगौ सबरी रात, बस्स इतेक सी है आदमी की औकात
मरबे के बाद मुखिया नै नीचे देख्यौ, वहाँ ते नजारे नजर आ रहे हते, मेरी मौत पै, कछु लोग जबरदस्त, तौ कछु जबरदस्ती रो रहे हते, नाँय रह्यौ, चलौ गयौ, चार दिना तक करंगे बात, बस्स इतेक सी है आदमी की औकात ।     बेटा अच्छी तस्वीर बनबाबैगौ, सामने अगरबत्ती जलाबैगौ, ख़ूशबूदार फूलन की माला होयगी, अखबार में अश्रुपूरित श्रद्धांजली होयगी, बाद में कोई बा पै, जाले उ नाँय करैगौ साफ, बस्स इतेक सी है आदमी की औकात
 जिंदगी भर मेरौ! मेरौ! कियौ, अपने लिए कम अपनेन के लिए ज्यादा जियौ, कोई नाँय देगौ साथ, जाबेगौ खाली हाथ, काह तिनका लै जाबे कीऊ, है हमारी औकात, जे ही है हमारी औकात । जानै कुनसी शोहरत पै, आदमी कूँ नाज है, जो आखिरी सफर के लिए ऊ औरन कौ मोहताज है । फिर घमण्ड कायकौ और कैसौ, बस्स इतेक सी है हमारी औकात ।🌹

सौभरि जी बारे में और जानने के लिए क्लिक करें
श्री प्रभुदत्त ब्रह्मचारी जी
ब्रजराज बलदाऊ मन्दिर के संस्थापक श्री कल्याणदेवचार्य
माँ सती हरदेवी पलसों
श्री बलदाऊ जी मन्दिर, बल्देव, मथुरा
सौभरि ब्राह्मण समाज के गोत्र, उपगोत्र व गांवों के नाम के बारे में जानिए ।