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ब्रजमण्डल में मेट्रोन के आवे-जाबे की घोषणा ब्रजभाषा में कैसैं होयगी

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Saturday, 30 November 2019

पढें ब्रजभाषा शब्दकोश

वह – वह-बू, उस -बा, उसे -बाय, वे-बे, उसका -बा कूँ या बाकौ उसी को- बाई कूँ, उनको- बिन कूँ या बिन्नै
तुम – तोय या तू , तुम्हें -तुझे, तुमको ही- तुमकूँ ई या तोकूँ ई , तेरे लिये-तेरे काजें या तिहारे लैं, तूने-तैनैं
इस – या, इसे-याय, इसी -यायी, इसी कूँ-यायी कूँ, इसी के लिए -यायी के मारें , इसी की बजह से- यायी के मारें, इनको-इनकूँ या इन्नै, इसका-या कूँ, या याकौ, इसी को-याई कूँ
हम – हम, हम ही-हमई, हम भी-हमउ , हम से-हम ते, हमारा-हमारौ, हमको-हमकूँ, हमारे लिए-हमारेउ काजें
मैं – मैं, मुझ-मो, मुझे- मोय, मुझको- मोकुं, मुझ से- मो ते
(भी- उ, ही-ई) मुझे भी- मोएउ, मुझे ही- मोएई, मेरे लिए -मेरे काजें, मुझ को ही- मो कूँ ई
Brajbhasha ki Vocabulary——-
प्रश्नवाचक-
क्या-काह क्यों-चौं ,किसलिए -कायकूं कहाँ-कां किसी-काउ कभी-कबहुँ
कैसा-कैसौ कौन -को कितना-कितनौ कौनसा-कुनसौ
किधर-कित या कितकूँ यहाँ- इतकूँ वह-बितकूँ
स्वाद-
खारा-खट्टो, कड़वा-कलेलौ मीठा-मीठौ
रंग-
क|ला-कारौ पीला-पीरौ भूरा-गोरौ सफ़ेद-धौरौ
भूरौ भरंग ,कारौ कसट्ट,पीरो झनक ,लाल सुरक्क,हरौ कच्च,सफ़ेद भक्क
अच्छा- नेक सुन्दर-मलूक
शरारती-निकममौ या बेहया नुकीला-पैनौ
चतुर-चालाक
अच्छा- नेक सुन्दर-मलूक
शरारती-निकममौ या बेहया नुकीला-पैनौ
चतुर-चालाक
क्रिया-
खाना=खानों पीना-पीनौ रहना-रहनौ सोना-सोनौं काटना-काटनौ चलना-चलनौ
,नींद आना – औंग आना
की बजह से- के मारें
से- ते मेरा-मोकूं ,तेरा-तोकू हमारा -हमकूं,उसका-वाकू,इसको-याकू,तुम-तू या तोय ,मैं-मोय ,वह-बू ,यह- ई,
अब-अबई,क्यों-चौं,,उसको-वाकू या जाय ,इसको-याकू या याय
वहाँ-म्हां,क्यों-कायकूं ,कभी-कबऊ,नही-न या नाय,सभी-सबन्नै
जिस-जा जिसका-जाय या जाकौ इनको-इन्नै उनको-बिन्नै
इधर-इतकू या इत्ते उधर बितकू या बित्ते जल्दी-बेगि बड़ा-बड़ौ
संज्ञा-
गाय-गैया
चूहा-मोसौ
बैल-बिजार
बछड़ा-जैंगरा
नेवला-न्यौरा
तोता -हरिया
मोर-मोरा
चिड़िया-चिरैया
भैंस का बच्चा – पड्डा
सियार-सियारिया
नील गाय-रोज
बकरी-बकरिया
मंदिर-मिन्दर
गोवर्धन – गोधन
वृन्दावन-बिन्दावन
बलदेव-दाऊजी
मथुरा-मथरा
ट्रेक्टर- टैकटर
बाइक- मोटर साईकिल
टेम्पो-टम्पू
बघ्घी-बुग्गी
भूसा -भुस
चावल-चामर
बाजरा-बाजरौ
ज्वार चरी बरसीम बरसम खाली -रीतौ ,गडुआ -लोटा
बहुत-निरे , बिन बालों का सिर -खुटमुंडी टांट, जी भर के- झिककैं जोर से-मसक्कैं, परों में दर्द मारना-पामन में भड़क मारनौ ,बार-बार मिन्नत करना -निहोरे करना
आँहाँ-हाँ,नहीं-नाँय,हम्बै-हाँ जी न्याःह -इधर आ
ठंठाठेल- मजबूत , छट्टा-शानदार , धींगरा-शक्तिशाली
जलना-भुरसना या पजरना ,बड़ी मुश्किल से – नीठ
खाना खाने के बाद पानी पीना- चूरू लेना , रगड़ना-मीडना,बिना नमक वाला- अरौनौ,नंगा-उगाहरौ जबरदस्ती-धिंगरै या धिंगरई
धौंस -चुनौती गौंहजौ -नादान
ख्वारी हैनौ – परेशानी का सामना करना
औगन- शोर शराबा
औंढी-गहरी
पोखर-तालाब
चुपटानौ – चिपकाना
लम्बी फैंकनौ – डींगें मरना
कलेउ -जलपान अभाल- अभी
अकवार-सामने
निचाबलौ -चुपचाप
किल्ल परैगी-डांट पड़ेगी
बर्रानौ -सपना देखना  अवेर है गई है- देर हो गई है  बबरपंच- जबरदस्ती से बीच में हिस्सा लेना     या लैं= इस लिए  या कूं= इसके लिए  वा लैं =उसके लिए  या ई कूं =इसी (ही) के लिए            वा ई कूं= उसी (ही) के लिए  उलाहना – उरहानौ , अंदर डालना-घुसाना, नौहरनौ-झुकना अलग करना – सुर्जाना , लड़ाना- इरजानौ मुशीबत- औगार , बगैराह -हंनै , कोना- किनाठा , अरे- इरे, इधर-इरेकुं ,उधर -परेकुं, उमस-भवका  खाली समय- सोपतौ, चापलूसी करना- लुल्ल चुप्प करनौ फांदना – नांखना       रुक जा – डट जा  पास बैठ-जौहरें बैठ पास आज| – जौहरें आ ‘या’ ढिंग आ  मुंह-मौहडॉ सुन्दर-मलूक शाम-सांझ या संजा  सुबह – धौंताय  बिजली गिरना-बीजरी परना जल्दी निकल जा-बेगि निकर जा नमक-नौंन चूहा-मूसौ बाल-बार या लटुरे जलपान – कलेऊ सब्जी पकाना -साग रांदना उबालना- उसेहना कददू- घीया तालाब-पोखर चुप रह- निचाव्लौ रैह खेतों के लिए जाने वाला रास्ता – दगरौ या दगरिया

भौंटी
 काढ़ नौ
आंख झपकना- सैन चलानौ

विलखनौ
इनगनौ
रिस होना- गुस्सा होना
popla Toothless Dokri Old woman kanthi Neckless Beejna Fan
Byar- Air punyon -Full moon day (purnima) Bichara- Orphan(male)
Tuuk -Piece Thaur -place paino -sharp

अभी-अभाल, नखरे -निहोरे ,विपत्ति-भावई,सुबह-धौताएं या सवेरौ,संध्या -संजा, दोपहर-दुपैर,खड़ा होना-ठाडौ रै पागल-बाबडॉ ,ऊधमी (लड़की से) -बबालो (छोरी ते ),बास्टर्ड-बिजलौड़ी, ज्यादा सर चढ़ा हुआ-मुथर्र हसी मजाक करना -ठट्ठे मारना,गुस्सा दिखाना-नठराना,नींद-ऑंग,मनाना-पुचकारना,पति-धनि ,पत्नी-धन्यान आराम -सोप्तौ , आराम कर लो- दम पकर लै, नहीमानुँगा- अब नाय निठैगी जल पिला दो-पानी प्याय दै, सब आगे निकल गए पर तुम वही के वही हो- सबरे आयगें निकरगे पर तू तौ मही के मही ऐं चारा-न्यार ,बरसीम- बरछी , दरातीं-दरांत ,कुल्हाड़ी-कुडारी,लकड़ी-लकडिया ,बबूल- बमूर ,जामुन-जामिल गढ्डे को भर दो- गढ्डे अटाय देऔ, तरबूज- मतीरा |बुबाई-बोमनी, जुताई-जोत ,सिंचाई -परहेट, फावड़ा -फाबरौ, नाली-बराह, गोबर का ढेर –घूरौ पेशाब कर के आ – मूत्या…, पागल- बाबड़ौ,…..मस्तक-माथौ ,पैर-पाम ,घुटना-घोंटू,हथेली-हथेरी नाख़ून-नौह,मूँछ-गौंछ, बाजू-बांह ,ऊँगली-अंगुरिया , बाल-बार ,माता-मइयो,भाई-भइया ,बुआ -भुआ ,मामी-माईं,ससुर-सुसर ,साली-सारी ||
हैमतई हैमत हैबैगौ -होते ही होते होगा (जब किसी काम की बात करते हैं-जब काउ काम की बात करतें)
ई काम यांह हैमत तौ हतै – ये काम यहां होता तो है |
हथकाय-है ना (ये है ना, बड़ा आदमी है – ई हथकाय, बड़ौ आदमी ऍह )
झिक कैं -जी भर के
निधरक- चिंतामुक्त
ऊकना- चूकना
लौटना- बगदना

 सुन्ना-समेत/सहित
भावई-
बुंगरी- जोश
हाँ जी-हओ/हम्बै ,नही-नाँय

 कमठौ- अपने लिए ज्यादा हिस्सेदारी लेना, मचूच-लोभी
 मलेच- मैला
करमफूट- अभाग्यशाली

चम्पू- तेल रगड़ने वाला
बग़दानौं- लौटाना
निहोरे-जिद पे अड़कर राजी के लिए बार बार कहलवाना

मिनामिने- निहोरे
*पोहौ* - पशु/जानवर।
जाकूं कछु न आमतौ ऐह, निरौ ई गंवार, अनलच्छन ऐह वाकूं बोल देमैं करैं।
*सिर्री* - पागल
*सिर्रन* - पागल
बु तौ निरौ ई सिर्री ऐह ।जैसे- चौं रे ! छाछ लैबे भूमरे-भूमरे ही आयगौ है ।
 *नीमन- पुख्ता*= नीमन चीज देख कैं लइयो बजार ते ।
*खंदैना- भेजना*= मेरे संग अपने छोरा ऐ गोवर्धन कूँ खंदैदै ।
*वाड़ा- ज्यादा* तेरे हिस्सा में वाडा चीज आ रही है ।
 *खुक्क हैनौ*- खाली होना
जैसे-  मैं तौ यार तैनैं कतई खुक्क कर राखौ हूँ, मेरे जौहरैं एकहु पइसा है ही नाँय
 आज तौ लाला पूरे दिना ही *निधरक* (खाली/निठल्लौ) बैठयौ रह्यौ है ।
दरिया राँधना- दलिया पकाना
ढोक दैनौ -- झुक के दंडवत प्रणाम
गिदाननौ - कदर ना करना
उराहने पांव- नंगे पैर
 *ब्रजभाषा*- खेत की मैडन नै मत नाख़ियो लाला! पाम टूट सकै ।
*हिन्दी*- खेत की मेड़ों को मत लांघना लड़के! पैर टूट सकता है ।
जय हो वंशी वारे की – जय हो वंशी वाले की (कृष्ण )

साभार:- ब्रजवासी 


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